Sunday 20 Apr 2025 14:35 PM

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श्रावणमास में वृक्षारोपण का विशेष महत्व है --डाॅ.देव नारायण पाठक



नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज के ज्योतिष कर्मकाण्ड वास्तुशास्त्र एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ देव नारायण पाठक ने बताया कि 14 जुलाई से सावन का पावन महीना प्रारम्भ हो गया है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की अपने भक्तों पर विशेष कृपा रहती है। शास्त्रों के अनुसार  श्रावण मास एक ऐसा महीना है जिसमें कुछ खास प्रकार के पौधे लगाने से मनुष्य का भाग्योदय हो सकता है ,जैसे बेल पत्र का पौधा भगवान शिव को बेल पत्र बहुत पसंद है। इसलिए सावन के महीने में भोलेनाथ के भक्त शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाते हैं। वास्तु के अनुसार, इसका पौधा घर में लगाने से वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। जिस घर के सामने बेल पत्र का पौधा होता है वहां कभी भी पैसों की तंगी नहीं रहती है। ऐसी जगह मां लक्ष्मी की हमेशा कृपा बनी रहती है।केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। भगवान शिव और विष्णु जहां भी एक साथ होते हैं वहां खुशियां और सुख-समृद्धि आती ही है। सावन की एकादशी पर घर के पीछे केले का पेड़ लगाना शुभ समझा जाता है। इसे कभी भी घर के सामने की ओर नहीं लगाना चाहिए। दांपत्य जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए नियमित रूप से केले के पौधे में जल डालना चाहिए।सावन के महीने में घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाना बहुती ही शुभ माना जाता है। तुलसी के पौधे को कार्तिक मास में लगाना भी शुभ मान जाता है। घर की सुख-शांति और सुख-समृद्धि के लिए नियमित रूप से तुलसी के पौधे की पूजा करना चाहिए।इन सभी के अलावा सावन के महीने में आप पीपल का पौधा भी लगा सकते हैं। इसे रोजाना जल देने और परिक्रमा करने से संतान संबंधी दोष या समस्या नष्ट हो जाती हैं। शनिवार के दिन शाम के समय पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपके साथ होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना कम हो जाती है।

ज्यादातर लोग शमी के पौधे के बारे में नहीं जानते। शमी के पौधे में स्वयं भगवान शिव निवास करते हैं। श्रावण मास में शनिवार को शमी का पौधा लगाया जा सकता है। इसे घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर लगाना शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि विजयदशमी के दिन शमी के पौधे की पूजा करने से धन का अभाव नहीं होता है। नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय प्रयागराज के जमुनीपुर परिसर के निदेशक डॉ रमेश चन्द्र मिश्र, प्राचीन इतिहास पुरातत्त्व एवं संस्कृति विभागाध्यक्ष डॉ वीरेन्द्र मणि त्रिपाठी, हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ ममता मिश्र,गृहविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ शिखा खरे, अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ छाया आदि आचार्यों ने अपने सहयोगी आचार्यों के साथ परिसर में पर्यावरण की रक्षा के लिए वृक्षारोपण सप्ताह प्रारम्भ किया तथा बेल,शमी,केला, तुलसी,अशोक,आम,पीपल,बरगद, सप्तपर्ण आदि वृक्ष लगाए तथा सभी आचार्यों ने पांच - पांच वृक्षों को गोद लिया तथा उसकी देखभाल करने का संकल्प लिया।

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