Tuesday 03 Jun 2025 5:23 AM

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अगर गुल हो बिजली तो हड़ताल के दौरान कंट्रोल रूम पर करें फोन!

हर सब स्टेशन पर रहेगा पुलिस का पहरा

प्रयागराज। निजीकरण के खिलाफ 29 मई को प्रस्तावित बिजली कर्मियों की हड़ताल को लेकर प्रशासनिक अफसरों ने पूरी तैयारी कर ली है। हर एसडीएम और एक्सईएन के साथ चार विशेषज्ञों की टीम तैनात रहेगी, जो सब स्टेशन पर जाकर किसी भी तरह की खराबी आने पर उसे ठीक करेंगे। संगम सभागार में ऊपर कंट्रोल रूम भी चालू कर दिया गया है। लोग कंट्रोल रूम नंबर 0532-2641578 पर फोन कर खराबी की सूचना दे सकते हैं। जिसके बाद कुछ देर में टीम भेज दी जाएगी। मंगलवार को अधीक्षण अभियंता यमुनापार लोकेश चंद्र ने एडीएम सिटी सत्यम मिश्रा से मुलाकात कर उन्हें सब स्टेशन वार तैनात किए जाने वाले अफसरों की सूची दी।


उन्होंने मजिस्ट्रेट और पुलिस विभाग के अफसरों की ड्यूटी लगाने को भी कहा। जिसके बाद एडीएम सिटी ने बताया कि सभी एसडीएम की ड्यूटी लगा दी गई है। सभी के साथ चार विशेषज्ञ लाइनमैन रहेंगे, ताकि किसी भी तरह की खराबी आने पर वे खराबी को ठीक कर सकें। वहीं शहर में अधिकारी जरूरत पड़ने पर लाइनमैन की टीम भी अपने साथ रखेंगे। सभी को बॉक्स खोलने और लाइन की मरम्मत करने का प्रशिक्षण दिया गया है। निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने 29 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। इस आंदोलन को देखते हुए चीफ इंजीनियर राजेश कुमार ने पुलिस विभाग को पत्र लिखकर शहर के 54 विद्युत उपकेंद्रों और ट्रांसमिशन व वितरण केंद्रों पर पुलिस बल तैनात करने का अनुरोध किया है। बिजली कर्मचारियों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो यह हड़ताल और भी उग्र रूप ले सकती है। मंगलवार को विभागीय अधिकारियों ने इस संबंध में समीक्षा बैठक की, जिसमें वैकल्पिक व्यवस्था पर चर्चा की गई। हड़ताल को देखते हुए विभाग ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। चीफ इंजीनियर राजेश कुमार ने बताया कि हड़ताल के दौरान भी 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति रहेगी। किसी भी क्षेत्र में ब्रेकडाउन होने पर तुरंत स्थिति का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। अगर कोई कर्मचारी जानबूझकर बिजली व्यवस्था बाधित करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अगर बिजली कर्मचारियों की हड़ताल लंबी चली तो शहर में बिजली से जुड़े काम जैसे नए कनेक्शन, बिल सुधार, लाइन मेंटेनेंस आदि बाधित हो सकते हैं। इससे करीब 10.50 लाख उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने वैकल्पिक तैयारियां भी कर ली हैं।

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