संयम बिना प्राणी अधूरा है- आचार्य श्री दयासागर!
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- बातें धर्म की.....
- Updated: 2 September, 2025 20:37
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जैन मंदिरों में धूप दशमी पर हुए विशेष धार्मिक आयोजन
प्रयागराज। जीरो रोड स्थित दिगम्बर जैन मंदिर में दसलक्षण महापर्व के छठे दिन को उत्तम संयम धर्म के रूप में मनाया गया। नगर के विभिन्न जैन मंदिरों में धूप दशमी पर विशेष धार्मिक आयोजन हुए।
भाद्रपद शुक्ल दशमी तिथि पर जिनालयों में वेदी में विराजित 24 तीर्थंकरों के सम्मुख शास्त्रों व जिनवाणी के सम्मुख धूप अग्नि पर धूप खेवन की गई। प्रात आचार्य दयासागर के सानिध्य में एवं पंडित आशीष जैन के निर्देशन में भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा की गए। प्रथम शांतिधारा करने का सौभाग्य मुनींद्र जैन यश जैन सपरिवार को मिला एवं सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य राजेश, राहुल रोहन जैन सपरिवार को मिला।
आचार्य श्री दयासागर ने बताया कि संयम बिना प्राणी अधूरा है। जीवन रूपी नदी के लिए संयम धर्म का पालन करना जरूरी है।
हर वर्ष धूप दशमी का पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष भी मंदिर में विशेष आयोजन हुए।
पूरे मंदिर को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटिंग से सजाया गया। पंडित आशीष जैन ने बताया कि अष्टकर्मों का नाश करने के लिए धूप चढ़ाई गई। इस दौरान उत्तम संयम धर्म का पूजन भी किया गया। इसके बाद मंदिर में सायंकालीन विशेष महाआरती का आयोजन हुआ।
दशलक्षण पर्व के तहत दिगम्बर जैन मंदिर में रोजाना धार्मिक कार्यक्रम चल रहे हैं। मंदिर में भगवान महावीर स्वामी सहित सभी 24 तीर्थंकरों का विशेष पूजन और आरती की जा रही है। इस मौके पर दस लक्षण धर्म के 10 निर्जल उपवास रखने वालो का समाज के लोगों की ओर से उत्साहवर्धन भी किया गया।
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