जेएनयू की छात्रा से छेड़छाड़, जापान में शिकायत, दूतावास ने सरकार को दी जानकारी, प्रोफेसर बर्खास्त!
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक प्रोफेसर को विदेशी महिला शोधकर्ता से छेड़छाड़ के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है। बुधवार (16 अप्रैल) शाम को हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। प्रोफेसर अंतरराष्ट्रीय राजनीति एवं निरस्त्रीकरण विभाग में कार्यरत थे। शिकायत मिलने के बाद काफी देर तक जांच चली और आखिरकार विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की।
जेएनयू के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि कुछ महीने पहले इस प्रोफेसर ने एक बैठक के दौरान जापानी छात्रा से छेड़छाड़ की थी। छात्रा ने भारत से लौटकर जापान में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद वहां के दूतावास ने भारत सरकार को इसकी जानकारी दी। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर जेएनयू में आंतरिक जांच शुरू की गई।
जेएनयू कार्यकारी परिषद की बैठक में प्रोफेसर को हटाने का फैसला
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने शिकायत की गंभीरता को देखते हुए महिला का बयान दर्ज किया और अपनी रिपोर्ट कार्यकारी परिषद को सौंप दी। इस रिपोर्ट के आधार पर कल शाम प्रोफेसर को नौकरी से हटाने का फैसला लिया गया। यह फैसला यूनिवर्सिटी की कार्यकारी परिषद की बैठक में लिया गया।
जेएनयू प्रशासन ने कोई बयान जारी नहीं किया
इसके साथ ही भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में एक अन्य प्रोफेसर और दो अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। जेएनयू प्रशासन ने इस पूरे मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धुलीपुडी पंडित से बात करने की कोशिश की गई लेकिन फिलहाल उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।
क्या विकल्प है बर्खास्त प्रोफेसर के पास?
यूनिवर्सिटी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं, ऐसे में इस घटना ने एक बार फिर जेएनयू की छवि को सवालों के घेरे में ला दिया है। फिलहाल बर्खास्त प्रोफेसर के पास अपील करने का विकल्प है, लेकिन अगर मौजूदा तथ्यों की बात करें तो आंतरिक शिकायत समिति यानी आईसीसी में उनके खिलाफ लगे आरोप साबित हो चुके हैं।
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