क्या पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध बहाल होंगे? भारत पाकिस्तान व्यापार: सरकार ने संसद में दिया ये जवाब....
भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संबंधों में आमतौर पर तनाव बना रहता है और इसका असर व्यापार संबंधों पर भी पड़ता है। पाकिस्तान की राजनीति आतंकवाद को पनपने में मदद करती है और यही दोनों देशों के रिश्तों के बिगड़ने का सबसे बड़ा कारण है।
भारत पाकिस्तान व्यापार संबंध: भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जमी बर्फ कई सालों से पिघलने का नाम नहीं ले रही है. भारत का रुख स्पष्ट है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते, लेकिन पाकिस्तान आतंक का अड्डा बन गया है और इसे नियंत्रित किए बिना दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत नहीं हो सकते। उरी और पठानकोट के आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान के साथ संबंध खराब होते जा रहे हैं और फिर 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले से पाकिस्तान नाराज है. ऐसे में पहले से ही गरीब पड़ोसी देश की हालत बद से बदतर होती जा रही है. लेकिन क्या भारत सरकार पाकिस्तान के साथ फिर से व्यापार संबंध बहाल करने पर विचार कर रही है? इस सवाल का जवाब विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संसद में दिया है.
विदेश राज्य मंत्री ने जवाब दिया
गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से संसद के ऊपरी सदन में राज्यसभा को बताया गया कि साल 2019 के बाद पाकिस्तान के साथ व्यापार दोबारा शुरू करने को लेकर कोई प्रगति नहीं हुई है. राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, "अगस्त 2019 में, पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की। सितंबर 2019 में, पाकिस्तान ने व्यापार की अनुमति देकर भारत के साथ व्यापार प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी। कुछ दवा उत्पादों के लिए तब से पाकिस्तान के साथ व्यापार को फिर से शुरू करने के संबंध में कोई प्रगति नहीं हुई है।
वर्ष 2019 में, भारत ने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया। इसके बाद इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की तत्कालीन सरकार ने भारत के साथ हर तरह के व्यापार पर रोक लगा दी। हालाँकि, पाकिस्तान द्वारा व्यापार को निलंबित करने का एक मुख्य कारण भारत द्वारा पाकिस्तानी आयात पर लगाया गया 200 प्रतिशत सीमा शुल्क था। पुलवामा हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा भी वापस ले लिया।
संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान लंबे समय से नकदी की कमी और कर्ज के बोझ से जूझ रहा है। दूसरी ओर महंगाई और खाद्य महंगाई को लेकर जनता में आक्रोश है। महंगाई को लेकर कई बार पड़ोसी देश में देशव्यापी प्रदर्शन हो चुके हैं। पिछली इमरान खान सरकार के गिरने के पीछे आर्थिक संकट को भी एक बड़ी वजह माना जा रहा था। लेकिन मौजूदा प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को भी उन्हीं चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका पिछली सरकार को सामना करना पड़ा था।
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