Sunday 20 Apr 2025 4:24 AM

Breaking News:

महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से एक साल बाद मिला 3 करोड़ नकद और 50 किलो सोना : इसी कमरे में मिला था फंदे से लटका शव; प्रयागराज में !



अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन को एक साल पूरा हो चुका है। महंत की मौत कैसे हुई, इसकी असलियत अभी सामने नहीं आई है। गुरुवार को सीबीआई की टीम बाघमबाड़ी गद्दी, मठ अल्लापुर, प्रयागराज में जांच के लिए पहुंची. जिस कमरे में महंत का शव मिला, वहां सीबीआई ने उस कमरे का ताला खोलकर जांच की.


सूत्रों के अनुसार महंत के कमरे से 3 करोड़ रुपये नकद और 50 किलो सोना, हनुमान जी का सोने का मुकुट, कठोर हथियारों से लैस मिला है। इन सभी को लोहे की आलमारी में बंद कर दिया गया था। इसके अलावा करोड़ों की संपत्ति के रजिस्ट्री के कागजात और 9 क्विंटल देशी घी भी मिला है। सीबीआई सुबह 11:30 बजे से उनके कमरे में डेरा डाले हुई है। सीबीआई जांच अधिकारी एडिशनल एसपी केएस नेगी और सीबीआई इंस्पेक्टर की मौजूदगी में कमरे का ताला खोला गया. इस दौरान बल के साथ एसपी सिटी समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।


महंत गिरी पिछले साल कमरे में फंदे से लटके मिले थे



नरेंद्र गिरि की मौत के बाद उनके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला।

महंत नरेंद्र गिरि का शव 20 सितंबर 2021 को मठ के एक कमरे में फंदे से लटका मिला था। जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। इस मामले में महंत नरेंद्र के शिष्य आनंद गिरी, आध्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार किया गया था. आध्या और संदीप नैनी जेल में बंद हैं, जबकि आनंद गिरी चित्रकूट जेल में बंद हैं। आनंद गिरि कई बार कोर्ट में जमानत के लिए याचिका भी दाखिल कर चुके हैं, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली। उधर, यूपी पुलिस ने गिरी के कमरे को सील कर दिया था। कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है।कमरा खोलने के लिए बलवीर गिरी ने किया था आवेदन.



नरेंद्र गिरि बाघंबरी मठ की पहली मंजिल के एक कमरे में रहते थे। बाघंबरी मठ के वर्तमान महंत बलवीर गिरि ने कमरा खुलवाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी। बलवीर ने अदालत से अपील की थी कि मठ में पहली मंजिल पर उस कमरे को खोलने की अनुमति दी जाए। इसके बाद गुरुवार को सीबीआई बाघंबरी मठ पहुंची। गुरुवार को सुबह 11:30 बजे से शाम 7 बजे तक सीबीआई ने हर सामान की वीडियोग्राफी कराई। हालांकि, सीबीआई अधिकारियों ने इस संबंध में मीडिया से बातचीत करने से इनकार कर दिया।



बाघंबरी मठ की इस कुर्सी पर बैठते थे महंत नरेंद्र गिरि, आज यहां सन्नाटा है।


Comments

Leave A Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *