बीजेपी के इन वोटरों को यूपी-बिहार में अपने पाले में नहीं ला पाया भारत गठबंधन ! सर्वे में हुआ खुलासा!
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- खबरें हटके
- Updated: 3 June, 2024 21:41
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लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो चुका है और अब 4 जून को वोटों की गिनती का इंतजार है। इससे पहले एबीपी सीवोटर ने एक सर्वे किया है। इस सर्वे के मुताबिक विपक्षी दलों का भारत गठबंधन यूपी-बिहार में बीजेपी के बड़े वोट बैंक का एक इंच भी अपने पाले में नहीं ला पाया।
एबीपी सीवोटर सर्वे में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में 71 फीसदी ठाकुरों ने एनडीए को, 22 ने भारत को, 4 ने बीएसपी को और 1.5 फीसदी ने अन्य को वोट दिया है। वहीं, 74 फीसदी ब्राह्मणों ने एनडीए को, 19 फीसदी ने भारत को, 4 फीसदी ने बीएसपी को और 1.7 फीसदी ने अन्य को वोट दिया है। वहीं, बिहार में 64 फीसदी ठाकुरों ने एनडीए को, 27 ने भारत को और 9 फीसदी ने अन्य को वोट दिया है। वहीं, 64 फीसदी ब्राह्मणों ने एनडीए को, 31 फीसदी ने भारत को और 6 फीसदी ने अन्य को वोट दिया है।
इंडिया एलायंस को 68 प्रतिशत यादव वोट मिले
सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, अगर यूपी में एनडीए की बात करें तो यादव वोट 18 प्रतिशत, जाट वोट 59 प्रतिशत, जाटव वोट 26 प्रतिशत, ठाकुर वोट 71 प्रतिशत, ब्राह्मण वोट 75 प्रतिशत और कुर्मी वोट 44 प्रतिशत हैं। वहीं, इंडिया एलायंस को 69 प्रतिशत यादव वोट, जाट वोट 29 प्रतिशत, जाटव वोट 19 प्रतिशत, ठाकुर वोट 23 प्रतिशत, ब्राह्मण वोट 20 प्रतिशत और कुर्मी वोट 41 प्रतिशत मिले।
एनडीए को 67 प्रतिशत सवर्ण वोट मिले
ऐसे में सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो बीजेपी और एनडीए को 67 प्रतिशत और इंडिया एलायंस को 22 प्रतिशत वोट मिले। वहीं, यूपी के 36 प्रतिशत एसटी वोट एनडीए के साथ और 38 प्रतिशत इंडिया एलायंस के साथ थे। वहीं, बीएसपी को 20 प्रतिशत एसटी वोट मिलने की बात कही जा रही है।
45 फीसदी ओबीसी वोट एनडीए के साथ
इसके साथ ही सर्वे में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में 45 फीसदी ओबीसी वोट एनडीए के साथ है। जबकि, 41 फीसदी वोट भारत गठबंधन के साथ रहा है। इसके साथ ही 10 फीसदी ओबीसी वोट बीएसपी के साथ जाने का भी दावा किया गया है। दावा किया गया है कि भारत गठबंधन को राज्य में 42 फीसदी महिलाओं का वोट मिला है और भारत गठबंधन को 35 फीसदी महिलाओं का वोट मिलने की बात कही गई है।
ओबीसी वोट बैंक पर बीजेपी का दबदबा कैसे?
दरअसल, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाई थी। इसमें बीजेपी को काफी सफलता भी मिली। जिसमें भारत गठबंधन के कई नेता बीजेपी के खेमे में आए। इस मकसद को पूरा करने के लिए ओम प्रकाश राजभर, संजय निषाद, जयंत चौधरी और अनुप्रिया पटेल जैसे कई बड़े नेताओं को एनडीए में शामिल किया गया। इन वोटरों पर एनडीए के लिए ओबीसी वोट बैंक बढ़ाने की जिम्मेदारी है।
बिहार में ओबीसी वोटरों का रुख कैसा रहा
यूपी की तरह बिहार में भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड चल रहा है। सी-वोटर के सर्वे के मुताबिक एनडीए की बात करें तो यादव वोट 32 फीसदी, मांझी वोट 55 फीसदी, पासवान वोट 50 फीसदी, ठाकुर वोट 64 फीसदी, ब्राह्मण वोट 64 फीसदी और भूमिहार वोट 44 फीसदी हैं। वहीं, भारत गठबंधन को 63 फीसदी यादव वोट, मांझी वोट 35 फीसदी, पासवान वोट 39 फीसदी, ठाकुर वोट 27 फीसदी, ब्राह्मण वोट 31 फीसदी और भूमिहार वोट 38 फीसदी मिले हैं।
जाति जनगणना पर कांग्रेस आक्रामक
गौरतलब है कि विपक्षी दलों के भारत गठबंधन में कांग्रेस ने जाति जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी को डर है कि इस तरह की जनगणना से उसके सवर्ण वोटर नाराज हो सकते हैं। इसके अलावा बीजेपी का परंपरागत हिंदू वोट बैंक भी इससे बिखर सकता है।
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