सावधान ! प्रयागराज में मिला पोलियो का म्यूटेंट-6 वायरस: स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप ! WHO ने की रैंडम सैंपलिंग; मुंह के जरिए करता है शरीर में प्रवेश वायरस...
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- Updated: 29 May, 2023 08:01
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प्रयागराज के गऊघाट के नाले के पानी में पोलियो का म्यूटेंट-6 वायरस मिला है. डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की ओर से पानी की रैंडम सैंपलिंग की गई। इसमें इसकी पुष्टि हुई है। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। इसकी रिपोर्ट भी उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। हालांकि, विशेषज्ञ बताते हैं कि जब तक म्यूटेंट-10 को ज्यादा खतरा नहीं माना जाता, तब तक यह म्यूटेंट-6 है।
संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ. वीके मिश्रा बताते हैं, “पोलियो वायरस व्यक्ति के मुंह से शरीर में प्रवेश करता है। मल गेट से बाहर निकल जाता है। सीवर में ही जाएंगे, सीवर किसी नाले में ही मिलेगा। इसलिए ऐसी जगहों पर सैंपलिंग की जाती है, जहां शहर के नाले मिलते हैं। यही वजह है कि इस वायरस की पहचान के लिए नाले के पानी की सैंपलिंग की जाती है. हाल ही में इसकी सैंपलिंग WHO ने की थी। जब इसकी जांच की गई तो म्यूटेंट-6 वायरस पाए जाने की पुष्टि हुई है।
डॉ. वीके मिश्रा बताते हैं, ''आज 28 मई से पोलियो ड्रॉप पिलाने का अभियान शुरू हो रहा है. यह 6 दिनों तक चलेगा। ऐसी जगहों पर खास फोकस किया जा रहा है, जहां इस वायरस के होने का खतरा ज्यादा है। शहरवासियों से पोलियो की दवा पिलाने का आग्रह किया गया है। इससे प्राप्त उत्परिवर्तित विषाणु टीके विषाणु में परिवर्तित हो जाते हैं। फिर कोई खतरा नहीं है।
15 साल तक बच्चों पर डॉक्टर रखेंगे नजर
म्यूटेंट-6 की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी डॉक्टरों को निर्देश जारी कर दिया गया है. कहा गया है कि 15 वर्ष की आयु तक का कोई भी बच्चा जो पिछले 6 माह में उनके यहां आता है, उसमें कमजोरी, अचानक कमजोरी या लंगड़ापन आ जाता है तो इसकी सूचना तत्काल विभाग को दें। ताकि उनकी जांच की जा सके।
शहर में निगरानी बढ़ाने के निर्देश
दिल्ली डब्ल्यूएचओ की ओर से प्रयागराज की टीम को शहर में निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। घर-घर पोलियो की खुराक पिलाई जाए। इसमें लापरवाही न करें। डब्ल्यूएचओ के एक अधिकारी ने बताया कि सिर्फ म्यूटेंट की पुष्टि करने से कोई खतरा नहीं है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया गया तो यह खतरनाक हो सकता है। यह म्यूटेंट-6 एक बच्चे के मल से निकला है।
पाकिस्तान से ज्यादा खतरा है
डॉ. वीके मिश्रा का कहना है कि भारत पोलियो मुक्त है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और मोजाम्बिक दुनिया के तीन ऐसे देश हैं जो पोलियो मुक्त नहीं हैं। वहीं लोग पोलियो ड्रॉप्स से परहेज कर रहे हैं। पाकिस्तान भारत का पड़ोसी देश है। लोग वहां से भारत आते-जाते हैं। इसलिए भारत को पाकिस्तान से ज्यादा खतरा है। यही वजह है कि विभाग द्वारा नियमित रूप से सैंपलिंग की जाती है। देखा जाता है कि यहां पोलियो का कोई खतरा नहीं है।
यूपी में आखिरी पोलियो केस
विशेषज्ञों का कहना है कि पोलियो के वायरस तीन प्रकार के होते हैं। WPV-1, WPV-2 और WPV-3 वायरस। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां मुरादाबाद शहर में 13 जनवरी 2009 को WPV-1 का आखिरी मामला सामने आया था। WPV-2 का आखिरी केस 24 अक्टूबर 1999 को मिला था। इसी तरह WPV-3 वायरस का आखिरी केस 21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद में मिला था।
आखिरी मामला 2011 में सामने आया था
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 27 मार्च 2014 को भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया था। 2011 के बाद से भारत में पोलियो का कोई मामला सामने नहीं आया है। पोलियो का आखिरी मामला हावड़ा जिले में 2011 में सामने आया था। इसके बाद WHO ने 2012 में भारत को पोलियो प्रभावित देशों की सूची से हटा दिया था।
पोलियो अभियान पहली बार 2 अक्टूबर 1994 को दिल्ली में शुरू किया गया था। इस अभियान का नाम "दो बूंद जिंदगी के लिए" रखा गया था। देश में हर साल पोलियो ड्राप अभियान चलाया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश पोलियो मुक्त रहे, ये अभियान देश के पोलियो मुक्त घोषित होने के बाद भी चलाए जाते हैं।
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