लोहे के दिल वाले व्यक्ति की जरूरत थी', 'जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के लिए राज्यसभा में बोले अमित शाह!
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- अन्तर्राष्ट्रीय समाचार
- Updated: 17 December, 2024 22:15
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान किए गए संविधान संशोधन 2 पर जमकर निशाना साधा। पढ़ें गृह मंत्री अमित शाह की चर्चा के मुख्य बिंदु:
अमित शाह ने कहा, "इस चर्चा से जनता को एहसास होगा कि देश कितना आगे बढ़ चुका है। हम इस चर्चा में बहुत गहराई तक गए। हमारा लोकतंत्र नरक जितना गहरा है। यह भी स्पष्ट हो गया कि जब भी जनता ने किसी पार्टी को जनादेश दिया, तो उसने उसका सम्मान किया या नहीं किया। संविधान पर चर्चा युवा पीढ़ी के लिए अच्छी है। इस देश की जनता ने लोकतांत्रिक तरीके से कई तानाशाहों के घमंड को चकनाचूर करने का काम किया है।" 'कांग्रेस सालों तक 370 को पालती रही'
अमित शाह ने कहा, "जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत थी। कांग्रेस इतने सालों तक 370 को पालती रही। लोग कहते थे कि खून की नदियां बहने लगेंगी। नरेंद्र मोदी जी दूसरी बार सत्ता में आए और एक झटके में इसे हटा दिया। खून की नदियां तो दूर, किसी में एक कंकड़ फेंकने की भी हिम्मत नहीं है। चेनाब ब्रिज से लेकर निर्यात तक सभी केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर के नंबर वन होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज 1 लाख 19 हजार करोड़ का निवेश आया है। वे पूछते हैं कि 370 हटाने से क्या हुआ। मैं आपको बताता हूं। इससे आपकी तुष्टिकरण की दुकान बंद हो गई।"
अमित शाह ने अंबेडकर के किस मंत्र को नई परिभाषा दी?
अमित शाह ने कहा, "संविधान निर्माण के बाद डॉ. अंबेडकर ने बहुत सोच-विचार के बाद कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर उसे चलाने वाले अच्छे नहीं हैं तो वह खराब हो सकता है। इसी तरह संविधान कितना भी खराब क्यों न हो, अगर उसे चलाने वालों की भूमिका सकारात्मक और अच्छी हो तो वह अच्छा साबित हो सकता है। संविधान के 75 साल के कालखंड में हमने ये दोनों घटनाएं देखी हैं।" राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, "54 साल का युवा हवा में बातें करता है और कहता है कि वह संविधान बदल देगा। संविधान में ही इसका प्रावधान है। 16 साल में हमने 22 बदलाव किए। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने बदलाव किए। उन्होंने कहा, "आज जब हम संविधान स्वीकार करने के 75 साल बाद पीछे देखते हैं, तो मैं सरदार पटेल को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उनके अथक प्रयासों के कारण आज देश एकजुट है और दुनिया के सामने मजबूती से खड़ा है।" आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर हमला अमित शाह ने 39वें संविधान संशोधन को लेकर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा, "यह संविधान संशोधन क्या था? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव को अवैध घोषित कर दिया और उन्होंने संशोधन के जरिए प्रधानमंत्री पद की न्यायिक जांच पर भी रोक लगा दी। ये कम्युनिस्ट भाई जो अधिकारों की बात करते हैं, रात को सोचते हैं कि आप किसके साथ बैठे हैं। एक कहता है कि मैं शासक हूं, कोई मेरी जांच नहीं कर सकता और हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं प्रधान सेवक हूं। वे एक देश, एक चुनाव बिल पर संसद और विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाने की बात कर रहे थे, है न? आपातकाल के दौरान विधानसभाओं का कार्यकाल पांच साल से बढ़ाकर छह साल कर दिया ताकि चुनाव हो तो हार जाएं। विपक्ष की ईवीएम पर शिकायतों पर बोले केंद्रीय गृह मंत्री विपक्ष चुनाव में ईवीएम की शिकायत करता है। इस पर अमित शाह ने कहा, 'अभी कुछ नहीं है तो हारने पर ईवीएम लेकर घूमते हैं। महाराष्ट्र में सूपड़ा साफ हो गया और दूरबीन से नहीं दिखता। उसी दिन झारखंड में जीत गए तो नए कपड़े पहनकर शपथ ले ली। एक जगह ईवीएम ठीक है तो दूसरी जगह खराब।' 'कांग्रेस तीन चीजें छोड़ दे तो जनता उसे जिता देगी' राज्यसभा में संविधान पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कहा कि देश में लोकतंत्र है, भाई-भतीजावाद नहीं होना चाहिए। शाह ने कहा, 'हम धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं, यहां तुष्टिकरण के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस ने हमेशा भाई-भतीजावाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को आगे रखा है।' ये तीन चीजें छोड़ दो, जनता तुम्हें जिताएगी।'' कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा, ''मैंने मोहब्बत की दुकान के नारे खूब सुने हैं। गांव-गांव में दुकान खोलने की महत्वाकांक्षा रखने वालों के भाषण भी सुने हैं। लेकिन प्यार बेचने की चीज नहीं है, यह एक भावना है, जिसे महसूस किया जाता है।'' 'हमने 16 साल में 22 संशोधन किए, कांग्रेस ने 55 साल में 77 बार संविधान बदला' अमित शाह ने कहा, ''भाजपा ने 16 साल शासन किया और 22 बार संविधान में संशोधन किया। जबकि कांग्रेस ने 55 साल शासन किया और 77 बार संविधान बदला। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने बदलाव किए, लेकिन बदलाव का उद्देश्य क्या था? इससे संविधान में पार्टी की आस्था का पता चलता है। संविधान पर सबसे पहले संदेह प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय में उठा था।
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