लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रदेश सचिव अधिवक्ता सर्वज्ञ पाण्डेय ने बताया अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस, इतिहास, महत्व और कर्मचारियों के कानूनी अधिकार!
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- उत्तर प्रदेश
- Updated: 1 May, 2025 21:42
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अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस
अधिवक्ता सर्वज्ञ पाण्डेय ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस (1 मई) की जानकारी देते हुए बताया कि यह दिन श्रमिकों के अधिकारों और योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1886 के शिकागो मजदूर आंदोलन से हुई थी, जिसमें आठ घंटे के कार्य दिवस की मांग की गई थी। 1889 में पेरिस में इसे अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित हुआ। यह दिन श्रमिक अधिकारों के संघर्ष और एकता का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि कार्यस्थल पर मालिक के साथ काम के संबंध में कोई विवाद हो, तो कर्मचारी लेबर कोर्ट में केस फाइल कर सकता है, लेकिन पहले लेबर कमिश्नर ऑफिस में शिकायत करनी होगी। शोषण के विभिन्न प्रकार, जैसे वेतन का भुगतान न करना, न्यूनतम वेतन से कम देना, ओवरटाइम न देना, गैरकानूनी बर्खास्तगी आदि के खिलाफ लेबर कोर्ट में शिकायत की जा सकती है। लेबर कोर्ट में केस करने के लिए नौकरी से निकाले जाने पर टर्मिनेशन लेटर लेना जरूरी है और पहले लेबर कमिश्नर को प्रार्थना पत्र भेजना होता है, जिसके बाद अधिवक्ता से संपर्क किया जा सकता है। लेबर कोर्ट औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत कर्मचारियों के विवादों का निपटारा करता है और गैरकानूनी बर्खास्तगी पर नौकरी बहाली और वेतन भुगतान का आदेश दे सकता है।
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