पूरी दुनिया में हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने का एजेंडा ! रिसर्च में सामने आया ये चौंकाने वाला खुलासा....!
हिंदुओं को बदनाम करने की बड़ी साजिश रची जा रही है और इसके लिए हिंदू धर्म के खिलाफ झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपनी ताजा रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सोशल मीडिया और मैसेजिंग सेवाओं के माध्यम से हिंदू विरोधी प्रचार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एक्सपर्ट के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि पिछले कुछ सालों में हिंदू समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल बढ़ा है लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। हाल के दिनों में खासकर जुलाई के महीने में इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली है।
कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों की साजिश
स्टडी 'एंटी-हिंदू डिसइनफॉर्मेशन: ए केस स्टडी ऑफ हिंदूफोबिया ऑन सोशल मीडिया' के मुताबिक, मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम और अन्य जगहों पर कट्टर इस्लामिक वेब नेटवर्क के जरिए हिंदुओं के बारे में श्वेत राष्ट्रवादी और नरसंहार के मीम्स फैलाए जा रहे हैं। वहीं हिंदुओं के खिलाफ खुलेआम भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है. यह अध्ययन रटगर्स एनसी लैब के शोधकर्ताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बेहतर ढंग से समझने के लिए किया था। इसने यह भी खुलासा किया कि कैसे सोशल मीडिया पर एक कोडित और नकाबपोश पैटर्न फैलाया जाता है।
सभी हिंदू विरोधी ट्वीट पाकिस्तान से नहीं आते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि ईरान सहित अन्य देशों में सरकारी सूचना प्रणाली से ऐसी भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, जो हिंदू विरोधी है। लगभग दस लाख ट्वीट्स के विश्लेषण के अनुसार, ईरानी ट्रोल ने हिंदुओं पर भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार करने और हिंदू विरोधी प्रचार फैलाने का आरोप लगाने के लिए एक अभियान चलाया।
हिंदुओं के खिलाफ नफरत का एजेंडा
यह डेटा संग्रह और विश्लेषण न्यू जर्सी गवर्नर्स एसटीईएम स्कॉलर्स प्रोग्राम के हाई स्कूल के छात्रों के सहयोग से किया गया था। उन्होंने ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस, साइबर-सामाजिक हमलों के खतरों का पता लगाने के लिए मशीन लर्निंग, और हिंदू विरोधी गलत सूचनाओं को जमा करने पर डेटा प्रदान किया है।
भारत में बढ़ते धार्मिक तनाव और हाल ही में एक भारतीय दुकानदार की हत्या को देखते हुए, हिंदू विरोधी माहौल बनाने का प्रयास करते हुए, हिंदू विरोधी कोड और मीम्स जुलाई में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। भले ही यह नफरत बढ़ती ही जा रही हो लेकिन फिर भी सोशल मीडिया साइट्स आमतौर पर इन कोड्स से अनजान हैं। विशेष रूप से, भारत ने अनुरोध किया कि संयुक्त राष्ट्र जनवरी 2022 में 'हिंदूफोबिया', बौद्ध धर्म और सिख धर्म के खिलाफ धार्मिक पूर्वाग्रह के अपराधों को मान्यता दे।
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