अब आधार जैसी यूनिक आईडी से होगी बच्चों की पूरी पढ़ाई! छात्र का सारा डाटा होगा इसमें !
राज्य के महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरण आनंद
अब अभिभावक एक बच्चे का दो स्कूलों में प्रवेश नहीं करा सकेंगे।
अब स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का आसानी से पता लगाया जा सकता है। अब प्रत्येक छात्र का एक यूआईएन (विशिष्ट पहचान संख्या) आईडी नंबर बनाया जाएगा। इसके साथ ही यदि बच्चे का प्रवेश प्रदेश के किसी भी स्कूल में कक्षा-1 में कराया जाता है तो उसी समय उसका यूनिक नंबर जेनरेट हो जाएगा। एक ही यूनिक आईडी उसकी अंतिम शिक्षा यानी इंटरमीडिएट, स्नातक, परास्नातक आदि तक जारी रहेगी।
यह पहल राज्य के महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरण आनंद कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगस्त से यह व्यवस्था पूरे राज्य में लागू हो जाएगी। महानिदेशक ने कहा कि इस व्यवस्था से डबल एडमिशन पूरी तरह बंद हो जाएगा।शिक्षा व्यवस्था में बदलाव महानिदेशक विजय किरण आनंद द्वारा किया जा रहा है।
यूनिक आईडी यानी छात्रों की पूरी कुंडली
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज प्रवीण कुमार तिवारी बताते हैं कि इस विशिष्ट पहचान संख्या में विद्यार्थियों की पूरी कुंडली होगी। छात्र किसी भी स्कूल या किसी भी शहर में पढ़ रहा है, इस नंबर के जरिए आसानी से पता लगाया जा सकता है। आमतौर पर देखा जाता है कि माता-पिता अपने बच्चों का नामांकन परिषदीय विद्यालयों के साथ-साथ निजी विद्यालयों में भी कराते हैं। इससे विभाग को विद्यार्थियों की सही गिनती नहीं हो पाती है। इस व्यवस्था के शुरू होने से विद्यार्थी एक ही स्कूल में दाखिला ले सकेगा।
प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि प्रयागराज में परिषदीय विद्यालयों के 90 प्रतिशत बच्चों के आधार कार्ड बन चुके हैं.
सभी बच्चों को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है : बीएसए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रयागराज प्रवीण तिवारी ने प्रयाग दर्पण से खास बातचीत के दौरान बताया कि परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है. अगर इस जिले की बात करें तो यहां के 90 फीसदी बच्चों को आधार से जोड़ा जा चुका है. यूनिक आईडी नंबर को आधार नंबर से जोड़ा जाएगा। छात्रों का पूरा विवरण यू-डाइस पोर्टल पर होगा। ताकि जरूरत पड़ने पर छात्रों का उपयोग किया जा सके, इसे हर साल अपडेट भी किया जाएगा। इसमें बच्चे का नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि, पता, कक्षा आदि भरना होगा।
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