पैसे नहीं हैं, कैसे कराएं ऑपरेशन ? प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल का चक्कर लगा रही युवती बोली- बिना पैसे के ऑपरेशन नहीं हो रहा!
खुशी स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक कक्ष के बाहर बैठकर ऑपरेशन करने के लिए अधिकारियों से गुहार लगाती रही।
38 साल की खुशी पिछले तीन महीने से स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल का चक्कर लगा रही हैं। सड़क दुर्घटना में उनका पैर टूट गया था। वह कई दिनों से पैर के ऑपरेशन के लिए अस्पताल आ रही है। मुंडेरा की रहने वाली खुशी का कहना है कि जब वह इलाज के लिए डॉक्टरों के पास जाती है तो यह कहकर वापस लौट जाती है कि यहां बिना पैसे के इलाज नहीं होता। गुरुवार को अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय के बाहर व्हील चेयर पर बैठी वह अधिकारियों और डॉक्टरों से ऑपरेशन कराने की गुहार लगाती रही लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. बता दें कि ख़ुशी के माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। वह परिवार में अकेली है और आर्थिक तंगी का सामना कर रही है।
बिना पैसे के ऑपरेशन नहीं होता
खुशी का कहना है कि वह जब भी डॉक्टरों से इलाज के लिए कहती हैं तो डॉक्टर जवाब देते हैं कि बिना पैसे के यहां इलाज नहीं होता। दरअसल, एसआरएन अस्पताल कहें तो सरकारी अस्पताल हैं और मरीजों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है, लेकिन हकीकत यह है कि मरीजों को हर कदम पर पैसे देने पड़ते हैं. प्रत्येक ऑपरेशन के लिए मरीजों से 20 से 50 हजार रुपये लिए जाते हैं। यही कारण है कि ख़ुशी का इलाज पैसे के अभाव में नहीं हो रहा।
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