एक बहुत बड़ी साजिश के तहत कराया गया था कानपुर में दंगा!
यूपी में होने वाले करीब 80 हजार करोड़ रुपए के निवेश को रोकने के लिए कानपुर में दंगा भड़काया गया था। इंटेलिजेंस की जांच में पता चला कि 3 जून को लखनऊ में आयोजित समिट में आए देशभर के निवेशकों में खौफ पैदा करने के लिए घटना को अंजाम दिया गया। आईबी जांच कर रही है कि इसके पीछे किस संगठन का हाथ है।
आईबी की जांच में पता चला कि दंगे का मकसद देश भर के उद्योगपतियों में खौफ पैदा करना था। इसके जरिए उन्हें संदेश देना था कि यूपी में निवेश के लिए सुरक्षित माहौल नहीं है। इसीलिए उस दिन को चुना गया जब देश के बड़े-बड़े बिजनसमैन यूपी में निवेश के लिए एमओयू साइन कर रहे थे। जांच में यह भी सामने आया कि इसकी साजिश कई दिनों से रची जा रही थी। घटना के मास्टर माइंड हयात जफर हाशमी ने कानपुर और लखनऊ में कई मीटिंग कीं।
देश के दुश्मनों के मोहरे हैं दंगे के साजिशकर्ता
जांच में यह तथ्य भी सामने आ रहे हैं कि यूपी में निवेशकों को किसी भी तरह रोकने और अर्थव्यवस्था को डगमगाने के लिए दंगे की साजिश रची गई। इसके लिए नूपुर शर्मा के बयान को मुद्दा बनाया गया। दंगे के लिए यूपी में सक्रिय एक संगठन के जरिए देश के बाहर से फंडिंग की गई। इस संगठन ने दंगे के साजिशकर्ताओं को मोहरा बनाया।
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