Saturday 19 Apr 2025 22:23 PM

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धांधलियों का अड्डा बन रहा संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ पीजीआई , पूर्व निर्धारित डेट पर ऑपरेशन न करके फिर आने के लिए बनाते हैं दबाव!



धांधलियों का अड्डा बन रहा लखनऊ पीजीआई , पूर्व निर्धारित डेट पर ऑपरेशन  न करके फिर आने के लिए बनाते हैं  दबाव!

लखनऊ.  संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान भारत का एक उत्कृष्ट आयुर्विज्ञान संस्थान है। यह लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित है। इसकी स्थापना १९८३ में हुई थी। यह संस्थान रायबरेली मार्ग पर मुख्य शहर से १५ किमी की दूरी पर स्थित है। यह संस्थान तथा इसका आवासीय प्रांगण ५५० एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। यहाँ चिकित्सा जगत की आधुनिकतम मशीनों का इस्तेमाल रोगियों के चिकित्सा में उपयोग की जाती है, यही सुविधाएँ  जो इसको सबसे विशिष्ट बनती  है वहीं यही सुविधाएँ सभी को मिल पाना अब असम्भव सा हो जाता है यदि आप वहां इलाज के लिए गए है तो अब आपको लगने लगता है है यहाँ पहले की तरह सुनवाई नहीं हो रही, जैसा आप किसी पुराने से  सुनते आ रहे होंगे, बताते है की यहां पुरुष होना भी गुनाह है यदि दिन में आप भर्ती के लिए रेफर करके कहीं से आते  है तो निश्चित रूप से आप को पुरुष होने का खामियाजा  भुगतना पड़ेगा  क्योकि सुनने में आता  है कि  वहां कोई महिला अधिकारी  है जो किसी भी  पुरुष मरीज के विषय में कह देती है है वहां बेड एवलेवल  नहीं है, अगर कोई पुरुष रोगी महिला अधिकारी के जाने के बाद आता है तो शायद गुंजाईश हो सकती है खैर यह कहानी 2016 की है , पहले ये वचन के पक्के होते थे मतलब डेट मिल गयी तो इलाज पक्का और अब डेट मिल भी गयी तो भी इलाज/ ऑपरेशन की कोई गांरटी  नहीं , अभी हाल ही में पीडिया सर्जन डिपार्टमेंट में डॉ अंकुर  मांडलिया ने किसी बच्चे को ऑपरेशन की डेट दी , फिर बताया  की अभी  काफी ज्यादा लोड पड़  रहा है आप  अच्छे से ऑपरेशन के लिए फिर आइये, ऐसे ३ बार उस पेशंट को बुलाया , चौथी बार  फिर कहा की अच्छे से ऑपरेशन हो इसके लिए आप फिर आइये नहीं तो जल्दी में कुछ गड़बड़ हो जाएगी , बेचारा मरता क्या न करता डॉक्टर साहब की बात मान  कर चला गया,लोगो से जानकारी मिली की किसी माननीय के लिए उपरोक्त डेट कल फोन से ली गयी उसी लिए ऐसा हो रहा, अब वह गरीब बेचारा  जो किसी माननीय को नहीं जानता वह आम जनता की तरह परेशान हो रहा,  उसकी कोई सुनवाई भी करेगा ? आखिर अब ऐसा कैसे हो गया की डेट मिलने पर भी  इलाज क्यों टल  जा रही ? बताते  है की अब तो यह हर डिपार्टमेंट में हो रहा , क्या वास्तव में आमजनता को सोर्स की जरूरत है ? अगर यह खबर पढ़ने के बाद सच्चाई की तह में जाना चाहते   है तो फिर इंतजार करें अगले अंक की  !

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