साबरमती जाने से पहले बढ़ा बीपी ,अतीक को लेकर साबरमती के लिए रवाना हुई यूपी पुलिस, 5 घंटे नैनी जेल के बाहर वैन में बैठी रही पुलिस !
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- Updated: 29 March, 2023 06:32
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मंगलवार रात 8.35 बजे यूपी पुलिस नैनी जेल के बाहर से अतीक को लेकर साबरमती के लिए रवाना हुई. बुधवार को भी इसी समय तक काफिले के वहां पहुंचने की उम्मीद है।
माफिया अतीक अहमद को यूपी पुलिस ने मंगलवार रात 8.35 बजे प्रयागराज से अहमदाबाद की साबरमती जेल के लिए रवाना कर दिया . यहां से जाने से पहले अतीक का ब्लड प्रेशर बढ़ गया था। पुलिस ने उसे दवा दी। आराम करने के बाद टीम उन्हें लेकर चित्रकूट के लिए रवाना हो गई। मंगलवार को ही उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
सजा के बाद दोपहर साढ़े तीन बजे अतीक को वापस नैनी जेल लाया गया, लेकिन उसे जेल के अंदर नहीं ले जाया गया. 5 घंटे तक गेट पर जेल वैन खड़ी रही। वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह ने अतीक को जेल ले जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा- अतीक को नैनी जेल ले जाने का अभी कोई आदेश नहीं मिला है।
1300 किलोमीटर का सफर 23 घंटे 45 मिनट में पूरा किया
अतीक को सोमवार को ही साबरमती जेल से प्रयागराज लाया गया था। एसटीएफ की टीम रविवार शाम 5:45 बजे अहमदाबाद से रवाना हुई, जो सोमवार शाम 5:30 बजे प्रयागराज की नैनी जेल पहुंची। एसटीएफ का काफिला सोमवार सुबह करीब नौ बजे अहमदाबाद से राजस्थान के उदयपुर-कोटा होते हुए मध्य प्रदेश के शिवपुरी होते हुए उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ था। टीम ने 23 घंटे 45 मिनट में 1300 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान काफिला 8 जगहों पर रुका।
अतीक के दो और साथियों को उम्रकैद
17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक के अलावा खान सोलत हनीफ और दिनेश पासी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है. तीनों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। यह पैसा उमेश के परिवार को दिया जाएगा। वहीं फरहान, जावेद उर्फ बज्जू, आबिद, इसरार, आशिक उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर समेत अतीक के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम को बरी कर दिया गया है.
अतीक गैंग पर 100 से ज्यादा मुकदमे, आज पहले मामले में मिली सजा
प्रयागराज समेत आसपास के 8 जिलों में 30-35 साल से अतीक अहमद का दबदबा है। यूपी पुलिस के डोजियर के मुताबिक अतीक के गैंग आईएस-227 के खिलाफ 101 मुकदमे दर्ज हैं. अभी 50 मुकदमे कोर्ट में चल रहे हैं. इनमें एनएसए, गैंगस्टर और गुंडा एक्ट के भी मामले हैं। अतीक के खिलाफ पहला मामला 1979 में दर्ज हुआ था. यानी 44 साल में पहली बार अतीक को दोषी करार देकर सजा दी गई है.
टीम को नहीं पता था कि कहां और क्यों जा रहे हैं, अतीक को भी ऐन वक्त पर पता चला- यूपी जाना है
गैंगस्टर अतीक अहमद को लेने साबरमती पहुंची एसटीएफ की टीम को नहीं पता था कि वह कहां और क्यों जा रहा है. वहीं, अतीक को भी ऐन वक्त पर पता चला कि उसे यूपी ले जाया जा रहा है।
गैंगस्टर अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाने के लिए यूपी पुलिस की टीम रविवार सुबह साढ़े नौ बजे अहमदाबाद साबरमती जेल पहुंची. इसमें करीब 30 पुलिसकर्मी शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक दो दिन पहले गठित उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की इस टीम को साबरमती जाने की जानकारी नहीं थी. टीम को शुक्रवार दोपहर वरिष्ठ अधिकारियों का फोन आया था कि वह तुरंत प्रयागराज पुलिस मुख्यालय पहुंचे। यहां दो वैन पहले से तैयार थीं। इसमें एसटीएफ के जवानों को हथियार के साथ बैठाया गया।
इस वैन के साथ एक बोलेरो भी थी। इसमें इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी बैठे थे। वरिष्ठ अधिकारी उन्हें फोन के जरिए रूट की जानकारी दे रहे थे। साबरमती के लिए रवाना होने वाले अधिकारियों को केवल बताए गए मार्ग का अनुसरण करने के लिए कहा गया था। इधर, जेल में बंद अतीक को आखिरी वक्त तक पता नहीं चला कि उसे यूपी ले जाने के लिए एसटीएफ आई है। जब जेल में उसका मेडिकल हुआ तो उसे इसकी जानकारी हुई।
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