Friday 06 Jun 2025 12:06 PM

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मुख्तार पर हाईकोर्ट की गंभीर टिप्पणी:कहा- अंसारी की राबिनहुड इमेज न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती; जमानत याचिका खारिज की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी को लेकर सोमवार को गंभीर टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा, "राबिनहुड इमेज वाला मुख्तार अंसारी न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती है। उस पर 1986 से लेकर अब तक 50 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं। मगर, अभी तक किसी भी मामले में सजा नहीं मिल सकी है।" इसी के साथ कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की एकल पीठ विधायक निधि के दुरुपयोग के मामले की सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष और तीन नौकरशाहों की कमेटी से विधायक निधि के दुरुपयोग का ऑडिट कराया जाए। मऊ के सराय लखंसी थाने में मुख्तार अंसारी और चार अन्य के खिलाफ दर्ज FIR में विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप है।

हाईकोर्ट ने कहा- जेल में बंद रहते विधायक चुना गया
अंसारी की जमानत अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा, "हिंदी भाषी राज्यों में अंसारी की राबिनहुड की ख्याति के चलते पहचान बताने की जरूरत नहीं है। 1986 से अपराध की दुनिया से जुड़े अंसारी के खिलाफ 50 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं। यह एक सफेदपोश अपराधी है और न्याय व्यवस्था के लिए चुनौती बना हुआ है। जेल में बंद रहते विधायक चुना गया।"

कोर्ट ने कहा, "विधायक निधि से 25 लाख रुपए स्कूल के लिए दिए, जिसका इस्तेमाल ही नहीं हुआ और उसने उसे भी हजम कर लिया। करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग किया गया। ऐसे में वह जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है।" हाईकोर्ट ने कहा कि माफिया के आपराधिक इतिहास को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में लंबी बहस के बाद 20 मई को फैसला सुरक्षित कर लिया था।

मऊ में विधायक निधि के दुरुपयोग का दर्ज है मुकदमा
मऊ के सराय लखंसी थाने में मुख्तार अंसारी और चार अन्य के खिलाफ दर्ज FIR में विधायक निधि के दुरुपयोग का आरोप है। स्कूल निर्माण कार्य नहीं किया गया और पैसे की बंदरबांट कर ली गई। याची अंसारी का कहना था कि विधायक निधि का आवंटन करने वाले अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि फंड वही जारी करते हैं। सिर्फ विधायक होने के नाते उनको फंसाया गया है।

बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी
मऊ से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को पिछले साल अप्रैल में पंजाब की जेल में दो साल से अधिक समय बिताने के बाद बांदा जेल लाया गया था। मार्च, 2021 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में उन्हें बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी ने मऊ से जीत दर्ज की थी।

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