खाता विवरण नहीं देने के कारण 2649 वकीलों को नहीं भेजी जा सकी राशि,हाईकोर्ट के 4647 वकीलों के खातों में भेजे गए 1.33 करोड़ रुपये अधिवक्ता निधि योजना शुरू !
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) की अधिवक्ता निधि योजना मंगलवार से शुरू हो गई है। पहले माह में 4647 पात्र अधिवक्ताओं के खातों में 1.33 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। खाता विवरण उपलब्ध नहीं कराने वाले 2649 अधिवक्ताओं को राशि नहीं भेजी जा सकी।
गलत विवरण के कारण 49 खातों में राशि जमा नहीं हुई
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने मंगलवार को मीडिया को बताया कि एक नवंबर 2022 से शुरू अधिवक्ता निधि योजना के तहत 4647 वकीलों द्वारा 30 नवंबर तक किए गए फोटो शपथ पत्रों के लिए उनके पीपीएफ/बचत खातों में कुल 131,27,200 रुपये भेजे गए. । चला गया। उन्होंने बताया कि 49 अधिवक्ताओं के गलत बैंक खाता विवरण के कारण उनकी अधिवक्ता निधि नहीं भेजी जा सकी.
अब आखिरी दिसंबर में पैसा भेजा जाएगा
अब इसे अंतिम दिसंबर में जोड़कर भेजा जाएगा। इसके अलावा डाकघरों के पीपीएफ खातों से संबंधित आईएफएससी कोड काम नहीं करने के कारण 40 वकीलों की धनराशि उनके खातों में नहीं भेजी जा सकी. राधाकांत ओझा ने बताया कि इस कार्य में लगे बार एसोसिएशन के कर्मचारियों का वेतन अधिवक्ता निधि से अर्जित ब्याज से दिया जायेगा. चूंकि यह राशि अधिवक्ता निधि के रूप में 50 के गुणक में है, शेष राशि अगले माह की अधिवक्ता निधि के साथ हस्तांतरित कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि 1088 अधिवक्ताओं के बकाया मासिक सदस्यता शुल्क को समायोजित कर शेष राशि उनके बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी गयी है.
संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि 2649 वकीलों के खातों में अधिवक्ता निधि का पैसा नहीं पहुंचा है क्योंकि उन्होंने अभी तक अपने खाते का ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया है. उन्होंने इन वकीलों से आग्रह किया कि एसोसिएशन के नौ नंबर पर तुरंत संपर्क करें।
मरने पर 5-5 लाख और किसी गंभीर बीमारी पर 2 लाख रु.
राज्य के अधिवक्ताओं के कल्याण हेतु कोष की स्थापना हेतु वर्ष-1974 में उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण कोष अधिनियम पारित कर उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण कोष की स्थापना की गयी। इसका मुख्य उद्देश्य अधिवक्ताओं के लिए समूह बीमा योजना, टीन शेड, उनके बैठने के लिए कक्ष एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। ऐसे अधिवक्ता जो सदस्य बनना चाहते हैं उनके लिए अधिवक्ता सामाजिक सुरक्षा निधि योजना चलाने का प्रावधान किया गया। सामाजिक सुरक्षा निधि योजना के सदस्यों के त्यागपत्र या मृत्यु की स्थिति में कोष से राशि का भुगतान किये जाने का भी प्रावधान किया गया। निधि की आय के स्रोत अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी स्टाम्पों की बिक्री से प्राप्त आय, उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को पंजीयन के समय उपलब्ध कराये गये स्टाम्प पेपर के समतुल्य राशि एवं सदस्यों का पंजीयन एवं वार्षिक शुल्क है। सामाजिक सुरक्षा निधि योजना। इसके अलावा समय-समय पर शासन से अनुदान भी प्राप्त होता रहा है। इसलिए अधिवक्ताओं को राशि दी गई है। हाई बार एसोसिएशन और यूपी बार काउंसिल का सदस्य होने पर अधिवक्ता की मृत्यु होने पर 5-5 लाख रुपये और गंभीर बीमारी या विकलांगता की स्थिति में अधिकतम 2-2 लाख रुपये की राशि दी जाती है।
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