प्रयागराज में बढ़ रहा गंगा-यमुना का जलस्तर , लगातार अलर्ट जारी!
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- Updated: 17 July, 2023 00:52
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प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा पुराने यमुना पुल के आधे पिलर डूबे 12 राहत शिविर और 108 बाढ़ चौकियां स्थापित, नाव-एम्बुलेंस के साथ राहत टीम अब रहेगी सतर्क!
प्रयागराज में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं. गंगा और यमुना नदी का पानी तेजी से बढ़ रहा है. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन एक्शन और अलर्ट मोड में है. संभावित बाढ़ के खतरों को देखते हुए सभी संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया गया है. बाढ़ से निपटने के लिए 108 बाढ़ चौकियां और 12 राहत शिविर स्थापित किये गये हैं. चिकित्सा दल, नाव-एम्बुलेंस और राहत दल भी तैनात किए गए हैं।
हरिद्वार बैराज और हथिनी कुंड से छोड़े जाने वाले पानी पर नजर
प्रयागराज और इसके आसपास के जिलों में अब तक सामान्य बारिश हुई है, लेकिन उत्तराखंड और पड़ोसी राज्यों से गंगा और यमुना नदियों में आ रहे बाढ़ के पानी के कारण यहां की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। फिलहाल दोनों नदियों में पानी हर घंटे 1.5 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है.
हथिनी कुंड बैराज से 2 लाख क्यूसेक, माताटीला बांध से 1.5 लाख क्यूसेक और कोटा बैराज से 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद प्रयागराज में नदियों का पानी तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है. इसे देखते हुए जिले का पूरा सरकारी अमला बाढ़ से निपटने के लिए प्रभावित इलाकों पर नजर बनाए हुए है. प्रयागराज में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. तीर्थ पुरोहित अपनी गद्दी और सामान वापस ले जा रहे हैं.
गंगा और यमुना से घिरे प्रयागराज में संभावित बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. डीएम संजय कुमार खत्री ने सभी विभागों की बैठक लेकर बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की है. डीएम का कहना है कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सभी राहत एवं बचाव की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. संबंधित अधिकारियों ने क्षेत्रों का भ्रमण कर बाढ़ चौकियां भी चिह्नित कर ली हैं। फिलहाल जिले में 108 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। इसके अलावा 22 बाढ़ राहत शिविर भी चिन्हित किये गये हैं. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। जिलाधिकारी ने बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए एक व्हाट्सएप नंबर शुरू करने को कहा है. गंगा में जलस्तर बढ़ने के बाद पांडे पीछे हटने लगे हैं.
पीएसी और एनडीआरएफ व बोट एंबुलेंस की कंपनियां तैनात
जिला प्रशासन बाढ़ से उत्पन्न होने वाली हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. डीएम प्रयागराज के मुताबिक जिले में एनडीआरएफ के अलावा पीएसी की 3 कंपनी, जल पुलिस की 4 कंपनी, 1500 नावें और 45 मोटर बोट की व्यवस्था की गई है. चिकित्सा सहायता के लिए आधा दर्जन नाव-एम्बुलेंस की व्यवस्था की जा रही है. सरकार के निर्देश पर चिन्हित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से मवेशियों एवं अन्य जानवरों को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. पशुओं की दवा, टीकाकरण, भूसा-चारा एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था पहले से ही सुनिश्चित की जा चुकी है।
अभी गंगा खतरे के निशान से 6 मीटर नीचे
प्रयागराज जिले में गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। फाफामऊ में गंगा अभी खतरे के निशान 84.734 मीटर से करीब 6 मीटर नीचे बह रही हैं। रविवार को फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 78.31 मीटर दर्ज किया गया है। छतनाग में गंगा का जलस्तर 74.92 दर्ज किया गया है. नैनी में यमुना का जलस्तर 75.40 मीटर दर्ज किया गया है. छतनाग और नैनी में जलस्तर तीन सेमी बढ़ गया है।
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